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खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा बन्दे से पूछे बता तेरी रजा क्या है
इसी बात को सच साबित किया अजित कुमार ने
हरियाणा के महेन्द्रप्रताप जिले के खीरी गाव के अजित बनेंगे देश के फेले पूर्ण नेत्रहीन आईएस अधिकारी
पांच साल की उम्र मे एक रस्यमय बीमारी ने उनकी आँखों की रोशनी छीन ली |
पर इंसान की आतम शक्ति उसे किसी भी हाल मे डिगा नहीं सकती इसी बात को उनके परिवार वालो और उन्होंने देश और दुनिया के आगे साबित किया
दिली के रामजस कॉलेज से बी ए तथा बी ऐड और ऍम ए करने के बाद वो शिक्षक बने लेकिन उनका सपना कलक्टर बन कर देश को बेहतर प्रशासन देना था
२००९ मे उनको सिविल सेवा मे अच्छी रंकिंग मिली लेकिन उनका चयन नहीं किया गया तब वो कोर्ट की शरण मे गए बाद मे प्रधानमंत्री जी के हस्ताप्चेप के बाद उन्हें क्रमिक मंत्रालय ने आईएस के लिए चुना
उनका सपना
सरकारी नौकरीयु मे विकलांगो के लिए विशेष इंतजाम किये जाये ताकि वो भी समाज की मुख्या धरा से जुड़ सके
इस लेख के द्वारा मे खेना चाहती हु की आराख्शन की सुविधा सही वर्ग तक पहुचाह्यिए जाये न की जाती गत आधार पे की वो महिला है या वो मुस्लिम है या वो इसाई है या अल्पसख्यक
असे इंसान जो आगे बदना चाहते हो पर वास्तव मे आराख्शन कोटा के काबिल हो न की वोते बटोरने के लिए किसी विशेष जाती या समुदाय को देने की घोषणा कर दी जाती है इससे हम समाज की नीव अपने युवा वर्ग को निराश करते है
जय हिंद
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