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सड़क पर चले जाईये सड़को के गड्ढे पानी से बहेती नालिया जाम के साथ साथ इधर उधर घूमते हुए न जाने कितने आवारा जानवर आप का स्वागत करते आप को नज़र आयेंगे
रोज न जाने कितनी दुर्गाट्नाओ की वजह ये जानवर है आज युवा पीढ़ी जो भागमभाग का पर्याय बन गयी है जिसे कभी ऑफिस समय पर पहुचना होता है तो कभी कोचिंग पहुचना होता है इस दौरान जब अचानक से कोई जानवर सामने आ जाता है तब ये वाकया न जाने कितने बड़े हादसे को जन्म दे सकता है
मै यहाँ सिर्फ इस तरफ ध्यान दिलाना चाहती हु की जहा आज इंसान ने अपनी सहूलियत की न जाने कितनी खोजे कर ली न जाने कितने कंकरीट के घर बना लिए पर जानवर के लिए कुछ भी न किया
जो भी लोग शहर मै रहेकर जानवरों को पालते है कम से कम उन्हें यु आवारा सडको पे न छोड़े
ये असे जानवार सडको पे मिले तो वहा की स्तानीय संस्थाए उनके लिए एक अलग से व्यवस्थे करे
वसे सरकारी तौर पे असे संस्थाओ के नाम रजिस्टर मे मिल जायेंगे पर हकीक़त मे वहा के ऑफिसर कर्यलायु मे बैठे के तनखाह लेते है और सोते है
मेरा मकसद आरूप और प्रत्यारूप नहीं है पर निवेदन है की असे जानवरों को सडको पे खुला न छोड़ा जाये ये कोई भी जानवर असे नज़र आते है तो उस जानवर के मालिक को सजा इ जाये या जुरमाना लगाया जाये
सडको पे घूमते जानवर विदेशी सैलानीयु के आगे भी शर्म सार करते है
जय हिंद
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